संगड़ाह, हरिपुरधार — मां भंगायणी मेला हरिपुरधार की अंतिम सांस्कृतिक संध्या मंे दर्शक नाटियों व फास्ट बीट के लोक गीतों पर जमकर झूमे। प्रदेश के मशहूर लोक गायकों की श्रेणी में शामिल राजेश मलिक ने अपने कार्यक्रम का आगाज झूरी गीत मुदड़ी जोगे न तेरे कानो से किया गया तथा गुरुवार को आयोजित इस संध्या में मलिक ने खूब तालियां बटोरीं। मलिक द्वारा प्रस्तुत अपने एलबम की मशहूर नाटी बाघो सयाणा भादरूआ व पार आया बणजारा पर दर्जनों लोक गीत प्रेमी दर्शक दीर्घा से झूम उठे। दलीप सिरमौरी ने जहां हिलिये मेरी चोरखिये व ओ शांति आदि नाटियों से तालियां बटोरी, वहीं विवेक मेशवचाण ने भरतहरी व बीणी रे आदि पारंपरिक सिरमौरी गीतों से वाहवाही लूटी। युवा लोक गायक एवं गत वर्ष रफी नाइट विनर रह चुके दिनेश शर्मा ने रेणुका वंदना से अपने कार्यक्रम का आगाज किया तथा इसके बाद सदाबहार फिल्मी नगमा चाहूंगा में तुझे सांझ सवेरे से वाहवाही लूटी। इसके बाद उन्होंने केई रोई तू दूरे-दूरे, शांति राम ढाठू व ढोलो घंुमरू आदि नाटियों से तालियां बटोरी। दिनेश के दु्रत गति के हिमाचली लोक गीत देखो तिरछी नजरिया, भिंडरू न मानयो व इस गराए दिया लंबरा ओ आदि पर तो कई युवा श्रोता दर्शक दीर्घा में थिरकते देखे गए। लोक गायिका गीता भारद्वाज ने अपनी वीसीडी के लोक गीत के एबे बोले आईएम सोरी, यारा-दिलदारा व मुखे आधिया मंगाई जा रे से वाहवाही लूटी। गीता के फास्ट बीट के गीत टेंशन नही लेने का व रोहड़ू जाणा मेरी आमिये पर पूरा पंडाल जमकर दीर्घा में झूमा। स्थानीय लोक नर्तक दलों व कलाकारों ने भी प्रस्तुतियां दीं। तहसीलदार संगड़ाह केएस लालटा ने बतौर मुख्यातिथि दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
May 6th, 2011
0 comments:
Post a Comment
THANKS FOR COMMENT