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Saturday, 26 February 2011

तस्वीर में समाया भविष्य

RAHUL BANSAL
 
          फिल्म थ्री इडियट्‌स में फरहान यानी आर. माधवन का दिल फोटोग्राफी में बसता है. वह वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर बनना चाहता है, लेकिन पिता केञ् दबाव में वह इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन ले लेता है लेकिन एक दिन किस्मत करवट लेती है और वह एक वाइल्ड लाइफ फोटो जर्नलिस्ट बन जाता है. यह तो महज एक उदाहरण है. फिल्म वेकअप सिड में सिड यानी रणवीर कपूर बड़े ऐशोलृआराम में पलालृबढ़ा है, लेकिन दिशाहीन है. सिड की फोटोग्राफी में रुचि है और यही रुचि उसकेञ् कॅञ्रियर की मंजिल बन जाती है. ये उदाहरण फिल्मों केञ् हैं, लेकिन रियल लाइफ में भी कई ऐसे उदाहरण हैं, जिन्होंने फोटोग्राफी को बतौर करियर अपनाया और अपनी अलग पहचान बनाई. इनमें रघु राय, माइक पांडे, अंबर शर्मा, अतुल कास्बेकर, डबू रतनानी, शरद हसकर, गौतम राजाध्यक्ष, सूबी सैमुअल, गुरूञ् वैंकटेश, नानक ढींगरा, आदित्य सिंह आदि नाम शामिल हैं. फोटोग्राफी कितना आकर्षित करती है, यह बात अनिल कुंञ्बले केञ् उस बयान से साबित होती है, जिसमें उन्होंने कहा था कि क्रिञ्केञ्ट से रिटायरमेंट केञ् बाद वे फोटोग्राफी करना चाहेंगे. ऐसे और भी बहुत से लोग हैं, जो विभिन्न पेशों में काम करते हुए भी फोटोग्राफी करना चाहते हैं. यानी छायाकारी या फोटोग्राफी उन्हें उनकी सृजनशीलता को एक नया अर्थ देती है, जिसमें वे धरती पर मौजूद हर चीज को कैञ्मरे में कैञ्द कर कला को विस्तार देते हैं. बहरहाल, फोटोग्राफी आपका शौक है तो आप बेहिचक इसे करियर बना सकते हैं. इस फील्ड में संभावनाएं तो बहुत हैं लेकिन इसकेञ् लिए जरूञ्री हैं कुञ्छ स्किल्स. यह महज एक काम नहीं है, एक कला भी है और आपकी रचनात्मकता का परिचायक भी. कहते हैं एक फोटो दस हजार शदों केञ् बराबर असर डालती है. ऐसे में एक फोटोग्राफर या फोटो जर्नलिस्ट केञ् लिए यह जरूञ्री हो जाता है कि वह जब भी タलिक करने केञ् लिए कैञ्मरे पर उंगली रखे तो उसे मालूम होना चाहिए कि उसे वह किस तरह से विजुलाइज करे कि वह फोटो संपूर्ण घटना या परिस्थिति केञ् बारे में बयान करती नजर आए, उसकी तस्वीर में सही रंग नजर आए. इसमें आपकी आंख कैञ्मरे का लैंस बन जाती है और कैञ्मरे का लैंस आपकी आंख. लोग अタसर इसकेञ् ग्लैमर को देखकर इसे करियर बनाने की सोचते हैं, लेकिन कठिन परिश्रम और क्रिञ्एटिविटी केञ् बिना कुञ्छ भी संभव नहीं, भले ही आपकेञ् पास इंस्ट्रूमेंट्‌स अत्याधुनिक ही タयों न हों. योग्यता タया हो?
कुञ्छ वर्ष पूर्व तक फोटोग्राफी में करियर बनाने केञ् लिए किसी विशेष कोर्स की जरूञ्रत नहीं थी, लेकिन लगातार बढ़ते कंञ्पीटिशन और ग्लैमर केञ् चलते इसे एक पाठ्यक्रञ्म का रूञ्प दे दिया गया है, जो एक प्रोड्डेञ्शनल बनने केञ् लिए जरूञ्री सा बन गया है. इस फील्ड में करियर बनाने केञ् लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता क्ख्वीं है. यानी क्ख्वीं केञ् बाद आप सर्टिफिकेञ्ट, डिप्लोमा और डिग्री कोर्स कर करियर बना सकते हैं. इसकी अवधि छह महीने से लेकर तीन साल तक है. अब मास्टर्स इन फोटोग्राफी और कुञ्छ स्पेशलाइज्ड कोर्स भी शुरूञ् हो गए हैं जो किसी भी विषय से स्नातक हैं, वे ही इनमें दाखिला ले सकते हैं.
 
प्रेस फोटोग्राफर
फोटो हमेशा प्रेस केञ् लिए अचूक हथियार रही है. प्रेस फोटोग्राफर को फोटो जर्नलिस्ट केञ् नाम से भी जाना जाता है. प्रेस फोटोग्राफर लोकल व राष्ट्रीय स्तर केञ् समाचार पत्रों, चैनलों और विभिन्न एजेंसियों केञ् लिए फोटो खींचते हैं. इनका क्षेत्र विविध होता है. इनका दिमाग भी पत्रकार की तरह ही चौकन्ना होता है. कम समय में अधिक से अधिक तस्वीरें कैञ्द करना इनकी काबिलियत होती है. एक सफल प्रेस फोटोग्राफर बनने केञ् लिए आपको खबर की अच्छी समझ, फोटो शीर्षक लिखने की कला आनी चाहिए. किसी कहानी को तस्वीरों केञ् माध्यम से अभिव्यタत करना फीचर फोटोग्राफी होती है. इस क्षेत्र में फोटोग्राफर को विषय केञ् बारे में पूर्ण ज्ञान होना चाहिए. फीचर फोटोग्राफी में फोटोग्राफर तस्वीरों केञ् माध्यम से विषय की पूरी कहानी बताता है. इनका काम और विषय बदलते रहते हैं.
 
कमर्शियल फोटोग्राफरः
इनका कार्य है कंञ्पनी की विवरणिका रिपोट्‌र्स व विज्ञापन आदि केञ् लिए तस्वीरें खींचना. कमर्शियल फोटोग्राफर किसी फर्म या कंञ्पनी केञ् लिए स्थायी रूञ्प में काम करते हैं. इनका मुチय उद्देश्य बाजार में कंञ्पनी केञ् उत्पाद व उसकी सेवाओं को बेहतर दिखाना होता है.
 
वेडिंग फोटोग्राफरः
ये स्टूडियो में काम करते हैं या फिर खुद का स्टूडियो खोलकर अपना करियर संवारते हैं. ये समूह और व्यタति विशेष का फोटो लेने में पारंगत होते हैं. किसी व्यタति का पोट्रेट बनाने से लेकर शादी, बर्थलृडे पार्टी, किटी पार्टी केञ् फोटो तैयार करते हैं.
 
ड्डैञ्शन फोटोग्राफरः
देश में ड्डैञ्शन फोटोग्राफी का करियर तेजी से उभर रहा है. क्रिञ्एटिविटी और आमदनी, दोनों केञ् लिहाज से यह क्षेत्र बेहतर है. आज मेट्रो शहरों और महानगरों में ही नहीं, बल्कि छोटेलृछोटे शहरों, कस्बों तक में ड्डैञ्शन फोटोग्राफर की डिमांड भी दिनोंदिन बढ़ती जा रही है. ड्डैञ्शन फोटोग्राफर ड्डैञ्शन हाउस, डिजाइनर, ड्डैञ्शन जर्नल, कैञ्लेंडर, समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं केञ् लिए काम करते हैं. डबू रतनानी और अतुल कास्बेकर का कद आज बतौर ड्डैञ्शन फोटोग्राफर काफी बड़ा है.
 
फाइन आट्‌र्स फोटोग्राफरः
इनका काम काफी संजीदा और कठिन होता है. फाइन आट्‌र्स फोटोग्राफर बनने केञ् लिए जरूञ्री है कि आपमें आर्टिस्टिक व क्रिञ्एटिव क्षमता हो. इनकी तस्वीर फाइन आर्ट पीस केञ् रूञ्प में बिकती है.
 
वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफरः
यह जानवरों, पक्षियों, जीव जंतुओं और लैंडस्केञ्प की तस्वीरें लेते हैं. ज्यादातर कैञ्लेंडर, कवर, रिसर्च आदि केञ् लिए काम करते हैं. वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी ऐसा फील्ड है, जहां एक तरफ तो जंगल का रोमांच है, दूसरी तरफ खतरे भी कम नहीं हैं. वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी में अगर शोहरत है तो जोखिम भी कम नहीं हैं. अタसर जानवर कैञ्मरा देखते ही अटैक कर देता है. इसमें करियर बनाने केञ् लिए वाइल्डलाइफ केञ् नियमों की जानकारी होना भी जरूञ्री है. पर इससे भी जरूञ्री है क्रिञ्एटिविटी.
 
फोरेंसिक फोटोग्राफरः
किसी क्रञइम की पड़ताल करने केञ् लिए घटनास्थल की हर एंगल से तस्वीरों की आवश्यकता होती है. इनकी मदद से पुलिस जांच करती है. ऐसे फोटोग्राफरों को फोरेंसिक फोटोग्राफर कहा जाता है

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