नई दिल्ली — हिमाचल की दो बड़ी रेल परियोजनाओं भानुपल्ली से बिलासपुर और नंगल-तलवाड़ा पर एक हजार करोड़ रुपए से अधिक के खर्च का अनुमान है, लेकिन रेल मंत्री ममता बनर्जी के बजट में दोनों के लिए 60 करोड़ रुपए का पूरा प्रावधान भी नहीं है। हिमाचल में छह रेललाइनें बनाने और उन्हें दोहरा करने के लिए सर्वेक्षण कार्य पूरे हो चुके हैं। इन रेललाइनों को 12वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान शुरू किया जाएगा। रेल मंत्री ने शुक्रवार को लोकसभा में रेल बजट पेश किया। बजट में हिमाचल के हिस्से झुनझुना तो नहीं कहा जा सकता, लेकिन रेल मंत्री ने पहाड़ी राज्यों को बहुत कुछ देने की घोषणा नहीं की है। पिछले दो रेल बजटों में उन्होंेने इन 251 लाइनों के निर्माण, गेज परिवर्तन और दोहरेकरण की घोषणा की थी, उनमें से 190 लाइनों के सर्वेक्षण कार्य पूरे हो चुके हैं। इनमें से छह लाइनें हिमाचल में भी हैं, कुल्लू-मनाली के रास्ते बिलासपुर से लेह तक, ऊना से जय जोन दोएवा, जोगिंद्रनगर से मंडी, परवाणू से दाड़लाघाट, ऊना से होशियारपुर और बिलासपुर से रामपुर बुशहर। रेल मंत्री ममता बनर्जी का कहना था कि इन लाइनों को 12वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान शुरू किया जाएगा। पहले की तरह इस बार भी रेल मंत्री ने कोई नई योजना हिमाचल के हिस्से नहीं दी। पुरानी नंगल-तलवाड़ा रेललाइन के संदर्भ में चुरूडू और ठकारला तक की लाइन का काम पूरा हो चुका है। इसके अलावा 385.43 करोड़ रुपए अब भी इस परियोजना को पूरा करने के लिए चाहिए, लेकिन मौजूदा बजट में इस योजना के लिए सिर्फ 23 करोड़ रुपए रखे गए हैं। कुल खर्च 730 करोड़ तक जा सकता है। चंडीगढ़-बद्दी के बीच रेललाइन की लागत 328.14 करोड़ रुपए अनुमानित है, जिसमें से 327.84 करोड़ रुपए अब भी इस लाइन पर खर्च होने हैं। हिमाचल में भानुपल्ली-बिलासपुर-नेरी रेललाइन के निर्माण पर अभी 728.97 करेड़ रुपए की रकम खर्च होनी शेष है। 2011-12 के बजट में इस परियोजना के खाते में सिर्फ 36.60 करोड़ रुपए रखे गए हैं। इन परियोजनाओं के अलावा रेल बजट में कालका-शिमला के बीच 96 किलोमीटर का केबल कार्य किया जाना है, उसके लिए बजट में सिर्फ 6.42 करोड़ रुपए का प्रावधान है। इसके अलावा परवाणू में 132/25केवी का उपस्टेशन बनना है, उस पर अनुमानित खर्च 11.48 करोड़ रुपए है, लेकिन मौजूदा बजट में 4.60 करोड़ रुपए रखे गए हैं।
0 comments:
Post a Comment
THANKS FOR COMMENT