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Tuesday, 22 February 2011

नालागढ़ में 60 लोगों ने जाना कुष्ठ रोग

नालागढ़ — कुष्ठ रोग चिकित्सालय मंडोधार (सोलन) के तत्त्वावधान में एफआरयू चिकित्सालय नालागढ़ में मंगलवार को कुष्ठ रोग से संबंधित एक जागरूकता शिविर लगाया गया, जिसमें कुष्ठ रोग फैलने के कारणों, लक्षणों व इसके बचाव के बारे में चर्चा की गई। शिविर में मेल एवं फीमेल हैल्थ वर्कर्ज, ब्लाक के चिकित्सक व जीएचसी स्टाफ उपस्थित था। कार्यक्रम की अध्यक्षता डा. बीएस धीमान ने की व कुष्ठ रोग सहायक मंडोधार जीडी गर्ग ने उपस्थित जीएचसी स्टाफ को इसकी विस्तार से जानकारी दी। इसमें करीब 60 लोगों ने भाग लिया। शिविर को संबोधित करते हुए डा. बीएस धीमान व जीडी गर्ग ने कहा कि कुष्ठ रोग एक लाइलाज रोग नहीं है, यह माइक्रो वैक्टीरियम नामक जीवाणु से होता है। उन्होंने कहा कि यह रोग कोई पूर्व जन्म का अभिशाप नहीं है, ऐसी सोच निराधार है, यह रोग एक जीवाणु के माध्यम से फैलता है और इसका समय रहता इलाज संभव। उन्होंने कहा कि अगर किसी के शरीर पर तांबे रंग का दाग जिसमें सुन्नपन हो आदि लक्षण हो तो यह कुष्ठ रोग के हो सकते हैं। शरीर पर ऐसे दाग या सुन्नपन होने पर तुरंत नजदीकी सरकारी चिकित्सालय में जांच करवाएं। यह रोग होने पर चिकित्सालय से एमडीटी दवा का कोर्स शुरू कर रोग पर अंकुश लगाए। गर्ग ने बताया कि 24 फरवरी को एफआरयू नालागढ़ में त्वचा संबंधी एक शिविर का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें मंडोधार के चिकित्सक त्वचा संबंधी रोगों की जांच व उपचार करेंगे। बहरहाल कुष्ठ रोग चिकित्सालय मंडोधार के तत्त्वावधान में एफआरयू चिकित्सालय नालागढ़ में कुष्ठ रोग से संबंधित जागरूकता शिविर लगाया गया।
February 23rd, 2011

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