सरकाघाट — दो अध्यापिकाओं को रिटायरमेंट के बाद भी कई महीनों तक पूरी तनख्वाह देने के मामले में और दो कार्यालय अधीक्षकों के मामले में चल रही जांच में अब एक और फर्जीबाड़े का पता चलने से एक कार्यालय अधीक्षक पर 420 धोखाधड़ी का भी मामला दर्ज किया जाएगा। विभागीय कार्रवाई का पहले ही सामना कर रहे अधीक्षक के विरुद्ध कार्रवाई होने की पूरी तैयारी विभाग ने कर ली है। उधर, चार्जशीट का सामना कर रहे वर्तमान कार्यालय अधीक्षक द्वारा घपले का पर्दाफाश करने के बदले उन्हें कार्रवाई से पूर्णतया साफ बरी करने की भी संभावना बन गई। 30 जून को सेवानिवृत्त हुई अध्यापिका मीना देवी को फालतू दी गई तनख्वाह का पता चलने के बाद उक्त अध्यापिका ने 24-11-2009 को ली गई तनख्वाह बीपीआईओ आफिस ने वापस कर दी, परंतु डीलिंग हैड ने यह राशि सरकारी कोष में जमा न करवा कर अपने पास दबाई रखी। महीनों बाद उनसे जार्च लेने आए अधीक्षक संतोष कुमार द्वारा इस फर्जीबाड़े को उजागर करके डिप्टी डायरेक्टर मंडी को इसकी शिकायत भेजने के बाद कार्यालय अधीक्षक दिनेश कुमार ने सात माह तक अपने पास दबाई गई राशि को सरकारी खाते में जमा करवा दिया था। डिप्टी डायरेक्टर ब्रह्मदत्त ने कहा कि ज्यादा वेतन देने को कोताही बरतने वाले मामले की पहली जांच पर शिक्षा निदेशक द्वारा मांगे जवाब बाद दूसरे मामले में कार्यालय अधीक्षक द्वारा बरते फर्जीबाड़े मामले में धोखाधड़ी का अलग केस दर्ज किया जाएगा।
February 24th, 2011
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