संगड़ाह — मां भंगायणी मेला हरिपुरधार में बुधवार को आयोजित पहली सांस्कृतिक संध्या में वायस आफ हिमालयाज विनर गीता भारद्वाज के गीतों का जादू दर्शकों के सिर चढ़कर बोला तथा युवा श्रोता जमकर झूमे। मुख्यमंत्री डा. प्रेम कुमार धूमल की मौजूदगी में बाद दोपहर शुरू हुई यह सांस्कृतिक संध्या करीब चार घंटे चली तथा आधा दर्जन लोक गायकों तथा सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के कलाकारों ने मेलार्थियों का भरपूर मनोरंजन किया। गीता भारद्वाज ने पारंपरिक लोक गीत ‘भादरी’ से जहां सिरमौर व सिरमौर जिला के प्राचीन लोक गीत प्रेमियों की वाहवाही लूटी, वहीं उनके दु्रत गति के लोक गीतों पर युवा दर्शक जमकर झूमे। गीता के फास्ट बीट के लोक गीत ‘लच्छी-लच्छी लोक गलांदे’ व ‘रोहड़ू जाणा मेरी आमिए’ पर दर्जनों युवक दर्शक दीर्घा में झूम उठे। ‘नाटीए लागी नाचदी’ व अपनी एलबम के मशहूर गीत ‘बदले तेबर तेरे जमाना’ आदि नाटियों से भी गीता भारद्वाज ने खूब वाहवाही लूटी। लोक गायक दलीप सिरमौरी ने ‘कांडे बाशो ली मोरो’ तथा ‘ओ शांती धोखा खाईली’ आदि नाटियों से तालियां बटोरीं। मशहूर सिरमौरी गायक जेपी शर्मा ने दो सौ वर्ष पुराने सिरमौरी लोक गीत ‘ऐशी सोहणी भादरी जैशो’ व ‘लोको रे छोटू डराये’ आदि से पंडाल में खूब खलबली मचाई।
May 5th, 2011
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