poanta sahib — राज्य सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग मंडल पांवटा साहिब में डेढ़ करोड़ रुपए के ठेकों की बांट विजिलेंस की जांच के घेरे में आ गई है। सिरमौर विचार मंच की ओर से आरटीआई कार्यकर्ता राजेश कुमार द्वारा मामला उठाए जाने पर विजिलेंस विभाग ने मामले की जांच शुरू कर दी है। गौर हो कि सिरमौर विचार मंच की ओर से आरटीआई कार्यकर्ता राजेश कुमार ने सूचना के अधिकार के तहत दस्तावेज जुटाते हुए वर्ष 2007-08 मंे डेढ़ करोड़ के ठेकों के आबंटन में नियमों की अनदेखी का मामला उजागर किया था। राजेश कुमार के अनुसार राज्य मंे यह नियम लागू है कि जब तक एक ठेकेदार एक काम को पूरा नहीं कर लेता, तब तक नियमानुसार उसे दूसरा काम आबंटित नहीं किया जा सकता, जबकि विभाग द्वारा चहेते ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए कई-कई काम आबंटित किए गए। सूचना का अधिकार के तहत जुटाए दस्तावेज के अनुसार यहां एक फर्म को ही लगभग 29 लाख रुपए के 28 काम आबंटित किए गए, जबकि एक अन्य फर्म को 75 लाख रुपए के छह ठेके आबंटित किए गए। इतना ही नहीं, बल्कि एक ओर फर्म को 28 लाख के आठ काम आबंटित किए गए, जबकि कई ठेकेदारों को वर्ष भर मंे एकाध छोटा-मोटा काम देकर चलता कर दिया गया। आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा मामला उठाए जाने के पश्चात मामले की विजिलेंस जांच शुरू हो गई है। जांच के पहले चरण में विजिलेंस विभाग सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग मंडल पांवटा के वर्तमान अधिशाषी अभियंता, तत्कालीन अभियंता के साथ-साथ ठेकेदारों के भी बयान कलमबद्ध करेगा। इसके अलावा तथ्य जुटाने के लिए विभाग के दस्तावेज भी खंगोल जाएंगे। इस बारे मंे पूछे जाने पर डीएसपी विजिलेंस बलबीर जसवाल ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि ठेकों के आबंटन को लेकर विजिलेंस जांच शुरू कर दी गई है। जल्द ही जांच पूरी कर ली जाएगी।
May 6th, 2011
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