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Sunday, 6 March 2011

क्लास में सेक्स का लाइव डेमो

सेक्स से जुड़ी उत्सुकता को दूर करने के लिए सेक्स शिक्षा देने की जोरदार वकालत की जाती है, लेकिन यह ज्ञान कितना और किस तरह से दिया जाए, इसे लेकर विशेषज्ञों की अपनी-अपनी दलीलें हैं। इसी गफलत में कभी-कभी ऐसी सीमाएं लांघ दी जाती हैं, जो सेक्सुअल रिलेशंस के प्रति जागरूकता बढ़ाने के बजाय जिज्ञासा पैदा कर सकती है। हाल ही में अमरीका के शिकागो में हुई एक घटना ने फिर से यह बहस तेज कर दी है। यहां की नॉर्थ वेस्टर्न यूनिवर्सिटी में एक लेक्चरर के दौरान एक वस्त्रहीन महिला ने करीब सौ छात्रों के सामने सेक्स खिलौनों की मदद से सेक्स करके दिखाया। यह घटना 21 फरवरी की है। यह क्लास छात्रों को रियान फैमिली ऑडिटोरियम में दिया गया था, लेकिन मामला खुलने के बाद अब यूनिवर्सिटी के व्यवस्थापक स्पष्टीकरण देते फिर रहे हैं। यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष मॉरटन स्केप्रिया ने भी माना है कि क्लास में सेक्स खिलौने का छात्रों के सामने प्रदर्शन करने की घटना से वह विक्षुब्ध हैं। इसकी अनुमति देने का फैसला पूरी तरह से गलत था। दरअसल, मानव कामुकता विषय पर हुई क्लास के बाद हुए इस प्रदर्शन को लगभग 100 छात्रों ने देखा। वैसे इस कक्षा में उपस्थिति अनिवार्य नहीं थी, लेकिन छात्रों को यह बता दिया गया था कि क्लास में क्या होने वाला है। अब एक बयान जारी कर कहा गया है कि 21 फरवरी को प्रोफेसर माइकल बेली ने मानव कामुकता पर एक व्याख्यान दिया, जिसमें महिला मनोविज्ञान के कई मुद्दों पर विशेष चर्चा की गई थी। प्रोफेसर बेली ने कहा कि एक अन्य मेहमान लेक्चरर केन मेलवॉइन बर्ग ने इस तरह के प्रदर्शन का सुझाव रखा था। उनका कहना था कि वह इस सुझाव को नकारने के लिए कोई वैध तर्क नहीं दे पाए. प्रोफेसर ने कहा, ‘इस प्रदर्शन के बाद अधिकतर छात्रों की प्रतिक्रिया सकारात्मक थी।’ खिलौने का इस्तेमाल कर छात्रों के सामने सेक्स का प्रदर्शन करने  वाली महिला फेथ कोल ने ‘शिकागो ट्रिब्यून’ को बताया, ‘इतने लोग मुझे गौर से देख रहे थे। मुझे यह अच्छा लगा। मैं एक नुमाइशकर्ता हूं और इस तरह का प्रदर्शन कर खुश हूं।’   उधर, स्केप्रियो ने बाकायदा बयान जारी कर कहा कि विवादास्पद मुद्दों को पढ़ाना और उस पर शोध करना यूनिवर्सिटी की रीति है, लेकिन बयान में यह भी कहा गया कि यह हमारे विश्वविद्यालय के शिक्षकों के बेहद गलत फैसले का नमूना है। मैं इससे आहत और हताश हूं। मुझे नहीं लगता कि यह सब यूनिवर्सिटी के पढ़ाई के मिशन के हिसाब से उचित था। उन्होंने इस मामले की व्यापक जांच की बात कही है।
March 7th, 2011

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