सोलन — हिमाचली बेरोजगार युवकों की आर्थिक खस्ता हालत का अंदाजा अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड की बेरुखी से धोखा खाए एक दिनेश नामक युवक के माननीय उच्च न्यायालय व मुख्यमंत्री को भेजे पत्र से हो जाता है। सोलन जिला के मांझू गांव के दिनेश के पत्र में उन मार्मिक भावनाओं का उल्लेख है, जो कि प्रदेश का अधिकांश बेरोजगार युवक इस समय भुगत रहा है। दिनेश ने अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड हमीरपुर द्वारा आयोजित टीजीटी नॉन मेडिकल की परीक्षा में भाग लिया था। उसका चयन न होने पर उसने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी एकत्रित की। जानकारी में खुलासा हुआ कि उसके ठीक उत्तरों को ‘आंसर की’ में गलत कर दिया गया है, जिससे उसके तीन अंक कम हो गए। दिनेश ने तथ्यों व प्रश्नों के उत्तरों सहित बोर्ड को पत्र भेजकर उचित कार्रवाई की मांग की। बोर्ड के सचिव पहले ही इस बात पर प्रतिक्रिया दे चुके हैं कि अब इसमें कुछ नहीं हो सकता। अपने ऊपर हुए अन्याय के खिलाफ दिनेश अब लाचार हो चुका है। गरीबी के बोझ तले दबे बेरोजगार दिनेश ने एक साधारण पत्र उच्च न्यायालय व मुख्यमंत्री को लिखा है। उच्च न्यायालय को लिखे पत्र में मांग की गई है कि इसे पीआईएल समझकर न्याय दिलवाया जाए। मुख्यमंत्री से भी संवेदनात्मक अपील करते हुए दिनेश ने कहा है कि वह बेरोजगार है तथा उसे न्याय दिया जाए। उसके पास इतनी धनराशि भी नहीं है कि वह उच्च न्यायालय में केस दायर कर सके। अतः इसी पत्र पर कार्रवाई की जाए। दिनेश की बेरोजगारी व जंग लगी व्यवस्था से उसके हौसले टूट चुके हैं, लेकिन उसकी नजरें अभी भी उच्च न्यायालय व मुख्यमंत्री दरबार तक टिकी हैं।
March 1st, 2011
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