बद्दी। कागज के रेट बढ़ाने पर पेपर मिलों के विरोध में सोमवार को प्रदेश की करीब 200 गत्ता फैक्टरियां बंद रहीं। इनमें से 125 फैक्टरियां बीबीएन में स्थापित हैं। उद्यमियों ने पेपर मिलों पर मनमानी का आरोप लगाते हुए नारेबाजी की और नालागढ़ से बरोटीवाला तक गाडिय़ों के साथ रैली निकाली। हड़ताल में बीबीएन के अलावा कालाअंब, परवाणू, ऊना, सोलन, पांवटा सहिब के उद्यमी भी शामिल थे।
रैली के दौरान हिमाचल प्रदेश गत्ता उत्पाद संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष मुकेश जैन और बीबीएन इकाई के महासचिव सुरेंद्र जैन ने कहा, गत्ता उत्पादकों की समस्याएं कोई नहीं सुन रहा। उन्होंने कहा कि कुछ दिनों से नार्दन पेपर मिल्स एसोसिएशन ने सभी पेपर मिल बंद करके बाजार में पेपर की कमी कर दी है, ताकि रेट और बढ़ाया जा सके।
पेपर के रेट में मिलों ने 5 से 6 रुपए प्रति किलोग्राम की बढ़ोतरी की है, जबकि गत्ता उद्योगों के उत्पाद खरीदने वाले उपभोक्ता और वेंडर रेट एक रुपए से ज्यादा बढ़ाने को तैयार नहीं हैं। इसी कारण हर उद्योग दस से 15 लाख रुपए के घाटे में चला गया है। गत्ता उत्पादक संघ के प्रदेश प्रधान जीके सरदाना ने कहा, प्रदेशावासियों को सबसे ज्यादा रोजगार लघु उद्योगों ने दिया है।
अगर उनके कारखाने बंद हो गए तो बेरोजगारी बढ़ेगी। उन्होंने बताया कि इसके अलावा स्टिचिंग वायर के 40 प्रतिशत रेट बढ़ाना, मजदूरी, एवं गोंद के रेट बढऩे के कारण अब गत्ता उद्योग माल आपूर्ति करने में असमर्थ हो गए हैं। उन्हें दो महीने से 3-4 रुपए प्रति किलो पर नुकसान हो रहा है।
बीबीएन गत्ता उद्योग संघ के प्रवक्ता अशोक राणा ने कहा, यह तय किया गया है कि 21 फरवरी तक हमारे रेट न बढ़े तो फिर 21-22 फरवरी को दो दिवसीय हड़ताल की जाएगी जो अनिश्चितकालीन में भी बदल सकती है। इस अवसर पर मुकेश जैन, अशोक राणा, बलदेव गोयल, सहगल, गगन कपूर, सुरेंद्र जैन, गुप्ता, मनीष सहित काफी संख्या में उद्योगपति उपस्थित थे।
वीरभद्र से मिले उद्यमी
नाहन. पेपर के दामों में वृद्धि को लेकर गत्ता उद्योग संघ का एक प्रतिनिधिमंडल प्रदेश अध्यक्ष जीके सरदाना की अगुवाई में केंद्रीय लघु एवं सूक्ष्म उद्योग मंत्री वीरभद्र सिंह से मिला। उन्होंने मसला शीघ्र सुलझाने का आश्वासन दिया। प्रतिनिधिमंडल में देवेंद्र सहगल, अदित्य तूड़, अजय चौधरी, मनीष गर्ग, राजीव बंसल, राजीव, अनिरुद्ध अग्रवाल व प्रदीप वर्मा शामिल थे।
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