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Sunday, 8 May 2011

वारदातों का गढ़ कालाअंब

नाहन औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब में बिहार व यूपी की तर्ज पर दिनोंदिन अपराध बढ़ रहे हैं। आलम यह है कि आए दिन कालाअंब में चोरी, डकैती, मारपीट व हत्या के मामले सामने आ रहे हैं। अधिकतर आपराधिक वारदातों में स्थानीय लोगों के साथ मिलकर प्रवासी श्रमिक वारदातों को अंजाम देते हैं। शनिवार को हुई खूनी झड़प में भी जिन सात लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है उनमें से अधिकतर लोग यूपी, बिहार व हरियाणा के रहने वाले हैं, जबकि वारदात में शामिल केवल दो लोग ही जिला सिरमौर के रहने वाले हैं। जानकार बताते हैं कि हरियाणा की सीमा से सटा कालाअंब क्षेत्र बाहरी राज्यों के अपराधियों के लिए सबसे सुरक्षित जगह बन गई है। बाहरी राज्यों के लोग वारदात को अंजाम देकर हरियाणा मंे चले जाते हैं, जिस कारण समय रहते पुलिस उन तक नहीं पहुंच पाती है। शनिवार को दो गुटों के बीच हुई खूनी झड़प को टाला जा सकता था, बशर्ते जिला पुलिस समय रहते सतर्क हो जाती। जानकारी के मुताबिक शनिवार को सुबह करीब नौ बजे मनु खान व बंटी की ट्रैक्टर चालक के साथ हाथापाई हुई तथा स्थानीय लोगों के हस्तक्षेप से मामले को रफा-दफा कर दिया। जानकार बताते हैं कि शनिवार को ही दोपहर करीब साढ़े 12 बजे दोनों गुटों के बीच फिर हाथापाई हुई, जिसमें अनिल कुमार के सिर में चोट लगी, जिसका कालाअंब के निजी अस्पताल मंे उपचार करवाया गया। साथ ही अनिल कुमार ने कालाअंब पुलिस में मारपीट का मामला दर्ज करवाया। मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने अनिल का मेडिकल करवाया तथा जांच का आश्वासन देकर अनिल को घर भेज दिया। इस बीच शाम करीब साढ़े सात बजे अनिल व उसके साथियों ने मनु व बंटी पर रुचिरा पेपर मील के समीप उस वक्त हमला कर दिया, जब वे  सुरला अपने घर की ओर जा रहे थे। जानकार बताते हैं कि यदि जिला पुलिस मामले को गंभीरता से लेती तथा मनु व बंटी को थाने तलब करती तो झगड़े को टाला जा सकता था, मगर पुलिस ने इसे हल्के से लिया। जिसके परिणामस्वरूप 19 वर्षीय युवक को जान से हाथ धोना पड़ा।
May 9th, 2011

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