परवाणू — औद्योगिक क्षेत्र परवाणू में डायरिया ने अपने पांव पसारने शुरू कर दिए हैं। जानकारी के अनुसार परवाणू के ईएसआई अस्पताल में पिछले महीने में लगभग 404 मामले डायरिया के दर्ज किए जा चुके हैं, वहीं इनमें करीब 15 मामले गंभीर होने के चलते रोगियों को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा है। गर्मियों की दस्तक के साथ ही यहां उल्टी-दस्त का प्रकोप काफी बढ़ गया है और इस मामले में प्रतिदिन करीब 10-12 मामले डायरिया बीमारी से ग्रसित आ रहे हैं। उल्लेखनीय है कि औद्योगिक क्षेत्र परवाणू में डायरिया बीमारी की पकड़ में लोग आने शुरू हो गए हैं और भारी संख्या में रोगी अपना इलाज करवाने अस्पताल पहंुच रहे है। जानकारों का कहना है कि डायरिया जैसी भयंकर बीमारी का शिकार सबसे अधिक प्रवासी लोगों को होना पड़ रहा है। गर्मियां बढ़ने से क्षेत्र में जलजनित रोगों के बढ़ने का भी खतरा काफी बढ़ गया है, वहीं उल्टी-दस्त के रोगियों की भारी तादाद सामने आने के बाद अस्पताल प्रशासन भी इस स्थिति से निपटने के लिए अपनी तैयारियों में जुट गया है। जानकारों का कहना है कि अपने घर व आसपास के क्षेत्रों को साफ-सुथरा रखकर डायरिया जैसी भयंकर बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है, वहीं पीने के पानी को साफ-सुथरा जगह पर रखें और दूषित पानी पीने से बचना चाहिए, तभी जलजनित रोगों की चपेट में आने से बचा जा सकता है। उल्लेखनीय है कि परवाणू एक औद्योगिक क्षेत्र है, जिससे यहां का वातावरण काफी दूषित होने की आशंका जताई जा रही है, जिससे यहां भयंकर बीमारियों के पैदा होने का खतरा बरकरार है। जानकारों का कहना है कि औद्योगिक क्षेत्र परवाणू में डायरिया जैसी भयंकर बीमारी अपने पांव पसार चुकी है, जिसकी चपेट में प्रतिदिन करीब 10-12 रोगी अस्पताल में अपना इलाज करवाने आ रहे हैं, वहीं क्षेत्र के नन्हे-मुन्ने बच्चे भी डायरिया का शिकार बन रहे हैं। ईएसआई अस्पताल परवाणू के चिकित्सा अधिकारी डा. हरविंद्र सिंह से इस मामले में संपर्क किया गया, तो उन्होंने बताया कि अप्रैल महीने में करीब 404 रोगी डायरिया के आ चुके हैं, जिनमें 15 की हालत नाजुक होने के कारण उनको अस्पताल में भर्ती होना पड़ा है।
May 5th, 2011
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