नई दिल्ली — जन लोकपाल के गठन के लिए प्रसिद्ध समाजसेवी अन्ना हजारे का अनशन शुक्रवार को भी जारी रहा। हजारे और सरकार के प्रतिनिधियों के बीच शुक्रवार को पहले दौर की वार्ता से कोई परिणाम नहीं निकला और देर रात घोषणा की गई कि अनशन अभी जारी रहेगा। जन लोकपाल के गठन के लिए सरकारी मसौदे पर हजारे के रुख का फैसला शनिवार को होगा। यह मसौदा अभी हजारे समर्थकों को मिलना शेष है, इसके बाद ही हजारे अपने मिशन पर शनिवार को कोई फैसला करेंगे। उधर, शुक्रवार देर रात सरकार के प्रतिनिधियों सर्वश्री केजरीवाल, स्वामी अग्निवेश और किरण बेदी की श्री हजारे से दूसरे दौर की बातचीत शुरू हो गई। वहीं अन्ना हजारे ने प्रणब मुखर्जी कोसमिति का अध्यक्ष बनाने के प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया है। सरकार ने साथ ही कानून मंत्री वीरप्पा मोइली को संयोजक बनाने का पासा फेंका था, पर समाजसेवी अन्ना हजारे ने उसे भी खारिज कर दिया। उन्होंने दो टूक कहा है कि किसी गैर सरकारी सदस्य को ही सदस्य बनाया जाए। अन्ना समर्थकों ने पूर्व चीफ जस्टिस जेएस वर्मा या जस्टिस संतोष हेगड़े को अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव दिया है। अन्ना हजारे ने कहा कि मांगें नहीं मानी जाती हैं, तो बुधवार से जेल भरो आंदोलन शुरू किया जाएगा। इससे पहले पीएम ने सारे मसले को लेकर राष्ट्रपति और सोनिया गांधी से अलग-अलग बातचीत की। इस मौके पर श्री हजारे के समर्थक अरविंद केजरीवाल ने बताया कि सरकार से पूर्व मुख्य न्यायाधीश जेएस वर्मा और कर्नाटक के लोकपाल संतोष हेगड़े में से किसी एक को इस समिति का अध्यक्ष बनाने का आग्रह किया गया था, लेकिन उसने इसे ठुकरा दिया है। उसकी तरफ से कहा गया है कि केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी इसके अध्यक्ष होंगे। यही नहीं, समिति के गठन के लिए अधिसूचना जारी करने से इनकार कर दिया गया।
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