बद्दी — ग्राम पंचायत कालुझिंडा के ग्रामीणों की शिकायत पर जब प्रशासन व खनन विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की, तो ग्रामीणों को स्वयं आगे आना पड़ा। ग्रामीणों ने खनन माफिया को मुंह तोड़ जवाब देते हुए उसके एक टिप्पर व दो जेसीबी मशीन को रंगे हाथों खनन करते पकड़ लिया। कालुझिंडा पंचायत के सेरां गांव की नदी में ग्रामीणों के एक समूह ने मंगलवार रात्रि को खड्ड का सीना छलनी करके पत्थर, बजरी उठा रहे वाहनों को पकड़ लिया और उनकी हवा निकाल दी। लोगों ने इसकी सूचना बरोटीवाला थाना पुलिस को दी। कालुझिंडा की प्रधान राजकुमारी मेहता ने बताया कि पंचायत ने दो बार प्रस्ताव पारित कर मुख्यमंत्री से लेकर डीसी, एसडीएम, खनन विभाग व पुलिस को अवैध खनन रोकने की गुहार की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि जब चारों ओर से हमें निराशा ही मिली, तो ग्रामीणों को स्वयं सड़कों पर उतरना पड़ा। स्थानीय ग्रामीणों बुधराम, उपप्रधान लायकराम चौधरी, जियाराम, हंसराज मेहता, पोलाराम, सुच्चाराम, भागाराम, कर्मचंद, सुखराम, रमेश चंद, भंगीराम, हरबंस कुमार, रामपाल, पवन कुमार, पंच सलोचना देवी, सरोज देवी व पंच सुखराम आदि ने आरोप लगाया कि सेरां गांव का श्मशानघाट तक खनन माफिया की भेंट चढ़ चुका है और नदियां छह से दस फुट तक गहरी हो चुकी हैं। अवैध खनन के कारण गांव की सिंचाई एवं पेयजल योजना भी हांफने लगी है और आने वाले समय में यहां पर जल संकट बढ़ जाएगा। इन्हीं कारणों से गुस्साए लोगों ने मंगलवार रात्रि सेरां गांव की नदी में दबिश दी और दो टिप्पर खनन करते पकडे़ गए, जिसमें से एक भाग गया, जबकि दो जेसीबी मशीनों को भी मौके पर धर लिया गया। गुस्साए लोगों ने तीनों वाहनों की हवा निकाल कर बरोटीवाला पुलिस के हवाले कर दिया और चेतावनी दी कि अगर भविष्य में उनके नदी-नालों से छेड़छाड़ की गई, तो वह चक्का जाम व धरना देने पर मजबूर हो जाएंगे। इस विषय में थाना प्रभारी बरोटीवाला हेमराज पोसवाल से संपर्क किया गया, तो उन्होंने बताया कि हमने तीनों वाहनों को पकड़ कर माइनिंग गार्ड के हवाले कर दिया है, वहीं माइनिंग गार्ड सतीश कुमार ने बताया मैंने माइनिंग आफिसर को सारी स्थिति बता दी है और वही जुर्माना तय करेंगे।
April 14th, 2011
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