नालागढ़ — प्रदेश के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन में टीबी रोगियों की संख्या में साल-दर-साल इजाफा हो रहा है। प्रतिवर्ष टीबी रोगियों की संख्या में वृद्धि का कारण विभाग द्वारा चलाए गए जागरूकता कार्यक्रमों और प्रवासी मजदूरों के यहां आकर दवा शुरू करने के कारण हुई है। क्षेत्र के सरकारी चिकित्सालय में प्रतिदिन इस रोग से ग्रस्त लोग इलाज करवाने के लिए आते हैं, वहीं सरकार भी इस बीमारी के प्रति गंभीर है और आरएनटीसीपी के तहत क्षय रोग कंट्रोल अभियान के अंतर्गत लोगों को जागरूक करने के लिए विभिन्न जागरूकता शिविर आयोजित किए जा रहे हैं तथा उन्हें सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क उपचार एवं दवाएं लेने के सलाह दी जा रही है। विभाग का मानना है कि सरकार द्वारा टीबी कंट्रोल के डॉट्स प्रणाली के अधिक से अधिक प्रचार के चलते टीबी रोग से ग्रस्त लोग डिटेक्ट हो रहे हैं और निःशुल्क दवाई के चलते रोगी अपना इलाज सरकारी अस्पताल में करवाने के लिए आ रहे हैं। वर्ष 2006 में टीबी के रोगी 457, वर्ष 2007 में 489, वर्ष 2008 में 519, वर्ष 2009 में 549, वर्ष 2010 में 583 और वर्ष 2011 में अब तक 155 रोगी आ चुके हैं। यह रोगी जांच के बाद टीबी रोग से ग्रस्त पाए गए हैं, जिनमें से 85 प्रतिशत रोगी दवा से ठीक हो गए हैं और 15 फीसरी रोगी ट्रांसफर आउट हुए हैं। इनमें से कुछ रोगी बाहरी राज्यों के भी शामिल हैं। बताया जाता है कि विभाग द्वारा चलाए गए जागरूकता शिविरों से लोगों में जागरूकता आई है, इसके अलावा निजी अस्पतालों से भी टीबी रोगियों को अस्पताल में रैफर किया जा रहा है, वहीं प्रवासी मजदूर जो इस रोग से ग्रस्त थे और वहां दवा खा रहे थे, वे भी यहां पर दवा को नियमित रखने के लिए यहां आ रहे हैं। जिला क्षय रोग अधिकारी मुक्ता रस्तोगी ने कहा कि विभाग द्वारा चलाए गए जागरूकता अभियान के बाद लोग सरकारी अस्पतालों में अपना इलाज करवाने के लिए आ रहे हैं, जिससे टीबी रोग के मरीज अधिक डिटेक्ट हो रहे हैं।
April 14th, 2011
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