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Tuesday, 26 April 2011

100 बिस्तरों का अस्पताल बिना स्टाफ

नालागढ़ —  प्रदेश इंटक के अध्यक्ष बावा हरदीप सिंह ने कहा कि बीबीएन औद्योगिक क्षेत्र में सड़कों की दयनीय हालत के साथ-साथ स्वास्थ्य सेवाएं भी चरमराई हुई हंै। उन्होंने कहा कि  स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिला के नालागढ़ उपमंडल के अस्पताल एफआरयू में विशेषज्ञ चिकित्सकों के पद रिक्त होने से क्षेत्र के लोगों को उपचार के लिए निजी अस्पतालों का सहारा लेना पड़ रहा है।  यह बात बावा हरदीप सिंह ने मंगलवार को नालागढ़ में कही। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि वर्ष 2002 में नालागढ़ के इस अस्पताल को 40 से 100 बेडिड किया गया है, इसे 100 बेडिड अस्पताल का दर्जा तो दे दिया गया है, लेकिन यहां आज भी स्टाफ 40 बेडों के अनुरूप ही चल रहा है, जबकि 100 बेडिड अस्पताल की अधिसूचना आज दिन तक जारी नहीं की गई है, जिससे यहां आज भी 40 बेडों के मुताबिक ही स्टाफ कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह बीबीएन क्षेत्र का एकमात्र सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है और इस अस्पताल में दूरदराज के क्षेत्रों से लोग यहां उपचार करवाने आते हैं, लेकिन यहां विशेषज्ञ चिकित्सकों के अभाव के चलते लोगों को मजबूरन निजी अस्पतालों का सहारा लेना पड़ता है, जिससे उनकी दिनचर्या सहित आर्थिकी भी प्रभावित हो रही है। उन्होंने कहा कि एफआरयू चिकित्सालय में गाइनोकलाजिस्ट का पद करीब अढ़ाई वर्ष से रिक्त पड़ा हुआ है, वहीं चाइल्ड रोग विशेषज्ञ का पद भी करीब—करीब इतने ही समय से रिक्त चला आ रहा है। उन्होंने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र होने के बावजूद इस क्षेत्र में चर्म रोग विशेषज्ञ डाक्टर के अभाव का भी क्षेत्र के लोगों को सामना करना पड़ रहा है। बावा हरदीप ने आरोप लगाते हुए कहा कि वर्ष 2002 में केंद्र सरकार के विशेष औद्योगिक पैकेज देने के बाद यहां वर्ष 2003 से रिकार्ड औद्योगिकीकरण हुआ है, लेकिन यहां पर स्वास्थ्य सुविधाएं पूरी तरह से बेहाल हो गई हैं। नालागढ़ का यह अस्पताल केंद्र बिंदु हैं और नालागढ़ विकास खंड के अलावा आसपास के पड़ोसी जिलों के लोग यहां पर अपना उपचार करवाने आते हैं। यही नहीं, औद्योगिकीकरण के चलते यहां पर प्रवासी कामगारों में भी इजाफा हुआ है, जिसके चलते प्रवासी मजदूर भी यहां पर अपना उपचार करवाने को दस्तक देते हैं, लेकिन ऐसी स्थिति में विशेषज्ञों चिकित्सकों की कमी का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ता है। उन्होंने यह भी आरोप लगाते हुए कहा कि औद्योगिकरण के बाद यहां पर प्रवासी कामगारों में इजाफा हुआ है, लेकिन इस क्षेत्र को दिए गए ईएसआई मेडिकल कालेज को यहां से स्थानांतरित करके मंडी कर दिया गया है। इस मौके पर इंटक प्रदेश सचिव बीएस राणा, नंद कुमार, पोलाराम, महेंद्र पाल, प्रेम दास, नरेश आदि इंटक नेता व सदस्य उपस्थित थे।
April 27th, 2011

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