बद्दी — भ्रष्टाचार को लेकर अन्ना हजारे द्वारा किए गए आमरण अनशन के साथ ही बद्दी में दो दिन से चल रहे सामाजिक कार्यकर्ताओं की भूख हड़ताल भी समाप्त हो गई। जैसे ही अन्ना हजारे ने जूस पीकर पांचवें दिन अनशन तोड़ा, तो बद्दी के बुद्धिजीवियों की भूख हड़ताल भी समाप्त हो गई। इस भूख हड़ताल में बद्दी के विभिन्न सामाजिक संगठन जैसे लघु उद्योग भारती, रोटरी क्लब, सेवा भारती, भारत स्वाभिमान एवं बीबीएनआईए शामिल थे। भूख हड़ताल पर बैठे सीनियर सिटीजन एसपी गुप्ता ने कहा कि देश में जिस प्रकार भ्रष्टाचार की जड़ें मजबूत हो रही हंै, उसको एक सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे में मात्र पांच दिन में ही आमरण अनशन से जो चुनौती दी है, उससे पूरा भारत उनका कायल हो गया है। भूख हड़ताल के संयोजक विनोद खन्ना व जगदीप अरोड़ा ने कहा कि बीबीएन का हर ईमानदार व्यक्ति उनके साथ है और अगर जरूरत पड़ी, तो वे अगली बार दिल्ली जाकर भी अपना विरोध जताएंगे। उन्हांेने कहा कि सरकार ने लोकपाल बिल बनाने का फैसला आखिर इस देश की मालिक यानी जनता के दबाव में आकर लिया है और अगर आगे भी कोई भ्रष्टाचार का मामला आएगा, तो हम संघर्ष करने से पीछे नहीं हटेंगे। शनिवार को दो दिन से अन्ना के समर्थन में बैठे सामाजिक कार्यकर्ताओं की भूख हड़ताल को गत्ता उद्योग संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश जैन ने जूस पीकर तुड़वाया व मिलकर काम करने का प्रण लिया। इस अवसर पर एसपी गुप्ता, संजय भसीन, दर्शन पाल, कमल चंदेल, विनोद खन्ना, पोलाराम चौधरी, जगदीप अरोड़ा, अरुण रावत, अमीर सिंह अरोड़ा, अतुल गुप्ता, रणेश राणा, एडवोकेट सुमित शर्मा, महेश कौशल, नवीन कुमार, महेंद्र राजपूत, मुकेश जैन, दिनेश जैन व सुरेंद्र शर्मा सहित कई सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित थे। बहरहाल अन्ना हजारे के आमरण अनशन तोड़ने के बाद बद्दी के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी भूख हड़ताल समाप्त कर दी है।
April 10th, 2011
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