Advertisement

Texts















WELCOME TO INSIDE BADDI Addvertise With Us

Saturday 5 March 2011

हिमाचली गायकी में दर्द

मंडी — सूफी एवं प्रसिद्ध पंजाबी गायक गुरदास मान का आज भी न तो अंदाज बदला है और न ही जीने का तरीका।  गुरदासमान आज भी अपने चाहने वालों से उतना ही प्यार करते हैं, जितना पहले किया करते थे। कितने भी व्यस्त हों, लेकिन वह अपने चाहने वालों को निराश नहीं कर करते। अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव मंडी में तीसरी सांस्कृतिक संध्या के स्टार कलाकार के रूप में मंडी पहुंचे गुरदासमान से जब ‘दिव्य हिमाचल’  ने कुछ पहलुओं पर बात की, तो हिमाचली गायकी और गायकों के लिए गुरदासमान ने न सिर्फ नया अध्याय जोड़ा, बल्कि हिमाचली गायकी को उन्होंने एक मुकाम पर लाकर खड़ा कर दिया। मंडी के विस्को होटल में उनके चाहने वालों का मेला सा लगा रहा। पेश हैं उनसे ‘दिव्य हिमाचल’ बातचीत के कुछ अंश।
दिहिः पंजाबी गायकी की भरमार मेंे आप खुद को कहां पाते हैं?
गुरदास मानः आज भी लोगों के दिलों में बसा हंू। अच्छाई कभी मिटती नहीं है और सच्चाई की कभी हार नहीं होती है। बस यही दुआ है कि चाहने वालों के दिलों में जहां बसा हूॅं वहां  बसा रहूं।
दिहिः किसी जमाने में आप पंजाबी के सबसे बडे़ कलाकार थे, इस बीच कई आए और गए। आपका मुकाम आज भी वहीं है। राज क्या है?
गुरदास मानः यह सब लोगों का प्यार है, सत्कार है। जिंदा रहने के लिए दो ही चीजों की सबसे अधिक जरूरत है, पुराने दोस्त और पुराने बेली यार, रब की दया से दोनों पास हैं।
दिहिः इतने वर्षों में क्या हिमाचली गायकी ने कोई तरक्की की है?
गुरदास मानः अब हिमाचली की गायकी एक मुकाम पा चुकी है और यहां  के गायक एक अलग पहचान बना चुके हैं। रेडिया पर जब भी सुनता हंू, तो हिमाचल की  खुशबू बाहर आती है। पहाड़ का दर्द झलकता है। माहिया जब सुनता हूं, तो सबकुछ भूल जाता हूं।
दिहिः कोई ऐसी चीज जो आप पंजाबी गायकी में नहीं कर पाए?
गुरदास मानः मालिक ने जो तोफिक दी है, उससे हर बार और बेहतर करने का प्रयास किया है। अभी और क्या नहीं कर पाया हूं, यह पता नहीं है, जब करूंगा तो सबको पता चल जाएगा।
दिहिः पंजाबी गायकी और संस्कृति में जो फूहड़पन आया है, इसके लिए किसे जिम्मेदार मानते हैं?
गुरदास मानः सभी एक जैसे हो जाएं तो मजा कैसे आएगा। फूहड़पन बड़ा है, लेकिन मैं इसके लिए किसी को दोषी नहीं मानता हूंू।
March 6th, 2011

1 comments:

Himachal se judi jankariyan www.imdishu.com pe please visit us

Post a Comment

THANKS FOR COMMENT

Your Ad Here

Search This Blog

Advertise with us

Share

Twitter Delicious Facebook Digg Stumbleupon Favorites More